राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के बाहरी उत्तरी इलाके में एक लैंडफिल साइट पर लगी भीषण आग के 16 घंटे से अधिक समय बाद भी बुधवार को काबू नहीं पाया जा सका। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “कचरे का पहाड़ अभी भी जल रहा है और फिलहाल दमकल की पांच गाड़ियां आग पर काबू पाने में लगी हैं।”
जलते कूड़े के पहाड़ से उठ रहे घने धुएं के गुबार ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को आंखों में खुजली और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगी है।
अधिकारी ने बताया कि आग को पूरी तरह से बुझाने की प्रक्रिया में अभी कुछ समय लगेगा। अधिकारी ने कहा, “हमें डंपिंग ग्राउंड को खोदने और आग बुझाने के लिए उस पर मिट्टी डालने के लिए जेसीबी की जरूरत हो सकती है। दिल्ली दमकल सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है।”
आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, हालांकि अधिकारियों ने कहा कि इन दिनों बढ़ते तापमान से डंपयार्ड साइट पर मीथेन गैस बनने लगती है जो बेहद ज्वलनशील होती है। अधिकारी ने कहा, “इससे एक चिंगारी भड़क सकती थी, जिससे बड़े पैमाने पर आग लग सकती है।”
विशेषज्ञों ने बार-बार कहा है कि डंपिंग ग्राउंड (Dumping Yard) पर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कचरे के पहाड़ पर कचरा डंप करने के बाद नियमित रूप से मिट्टी की एक परत लगानी चाहिए। इसे लागू किया गया है या नहीं, यह अभी पता नहीं चल पाया है। गौरतलब है कि पिछले 30 दिनों में डंपिंग यार्ड में आग लगने की यह दूसरी बड़ी घटना है।
इससे पहले 28 मार्च को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट (Ghazipur Landfill Site) से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। उस घटना में, अज्ञात लोगों के खिलाफ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वातावरण बनाने, आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाह आचरण और दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
इस बीच क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, लैंडफिल साइट से सिर्फ 6 किमी दूर धीरपुर निगरानी स्टेशन पर वायु गुणवत्ता वर्तमान में ‘गंभीर’ श्रेणी में है।
आईएएनएस (IANS)